RBI Cyber Crime: साइबर क्राइम और ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जल्द ही बैंकों को एक नया अधिकार देने जा रहा है। इस नए नियम के तहत, बैंकों को संदिग्ध बैंक खातों को स्थायी रूप से फ्रीज करने की अनुमति मिल जाएगी।
बढ़ रहे हैं साइबर क्राइम के मामले
देश में हर दिन लगभग 4000 से अधिक धोखाधड़ी वाले बैंक खाते खोले जा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साइबर धोखाधड़ी के कारण वित्तीय संस्थानों को 2021 में करीब 1.26 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। साइबर अपराधी फोन कॉल के जरिए हजारों भारतीयों के बैंक खातों में धोखाधड़ी करने की कोशिश करते हैं।
जल्द ही बदलेंगे RBI के दिशा-निर्देश
ऐसी स्थिति से निपटने के लिए RBI जल्द ही अपने दिशा-निर्देशों में बदलाव करेगा। नए नियमों के तहत, बैंकों को संदिग्ध खातों को फ्रीज करने का अधिकार मिल जाएगा। इससे साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले खातों को बंद करना आसान हो जाएगा।
पुलिस रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी
वर्तमान में, बैंक केवल तभी ही संदिग्ध खाते फ्रीज कर सकते हैं जब पुलिस में शिकायत दर्ज की जाती है। लेकिन नए नियम के बाद, बैंकों को स्वतंत्र रूप से संदिग्ध खातों को फ्रीज करने का अधिकार मिल जाएगा। इससे पीड़ितों को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
संशोधित दिशा-निर्देश में क्या होगा?
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, RBI गृह मंत्रालय की साइबर धोखाधड़ी से लड़ने वाली एजेंसी ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ से मिली जानकारी के आधार पर बैंकों के लिए अपने दिशा-निर्देशों में संशोधन करेगा। इससे जाली खाताधारकों के नाम का इस्तेमाल अन्य बैंकों में खोले गए अतिरिक्त खातों का पता लगाया जा सकेगा और उन्हें समय रहते निलंबित किया जा सकेगा।
यह कदम साइबर अपराधियों द्वारा दुरुपयोग किए जाने वाले बैंक खातों पर लगाम लगाने में मददगार साबित होगा और आम लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाएगा।