Cash Transaction Limit: डिजिटल भुगतान के इस युग में भी, कई लोग अभी तक कैश ट्रांजेक्शन को सुविधाजनक और बेहतर मानते हैं। कुछ लोग तो टैक्स विभाग की नजरों से बचने के लिए भी नकद लेनदेन का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ विशेष स्थितियों में बड़े कैश ट्रांजेक्शन आपको परेशानी में डाल सकते हैं? आइए जानते हैं कि किन परिस्थितियों में आपको सावधान रहना चाहिए।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नियमों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक नकद जमा करता है, तो इसकी सूचना आयकर विभाग को दी जाती है। यह राशि एक या अधिक बैंक खातों में जमा की जा सकती है। चूंकि आप निर्धारित सीमा से अधिक धनराशि जमा कर रहे हैं, इसलिए टैक्स विभाग आपसे इस धन के स्रोत के बारे में पूछताछ कर सकता है।
2. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में कैश जमा करना
इसी तरह, यदि आप एक वित्तीय वर्ष में एक या अधिक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करते हैं, तो भी आयकर विभाग को संदेह हो सकता है और वह आपसे धन के स्रोत के बारे में जानकारी मांग सकता है।
3. बड़ी प्रॉपर्टी की खरीद में नकद लेन-देन
संपत्ति खरीदते समय नकद लेनदेन से भी सावधान रहें। यदि आप प्रॉपर्टी की खरीद में 30 लाख रुपये या उससे अधिक का नकद भुगतान करते हैं, तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार इसकी जानकारी आयकर विभाग को अवश्य देगा। इतने बड़े लेनदेन के कारण कर विभाग आपसे पूछ सकता है कि यह पैसा कहां से आया।
4. क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान
क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान में भी सतर्क रहना चाहिए। यदि आपका क्रेडिट कार्ड बिल 1 लाख रुपये या उससे अधिक है और आप उसका भुगतान नकद में करते हैं, तो भी आपसे धन के स्रोत के बारे में पूछा जा सकता है। साथ ही, यदि आप किसी भी माध्यम से एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान करते हैं, तो आयकर विभाग आपसे पूछ सकता है कि यह पैसा कहां से आया।
5. शेयर,म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड खरीदना
अंत में, यदि आप शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड बड़ी मात्रा में नकद का उपयोग करके खरीदते हैं, तो यह भी आयकर विभाग को सतर्क कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति 10 लाख रुपये या उससे अधिक का लेनदेन करता है, तो इसकी जानकारी आयकर विभाग तक पहुंच जाती है, और वह आपसे पूछ सकता है कि यह नकदी कहां से आई।
इसलिए, हमेशा याद रखें कि बड़े नकद लेनदेन से बचना चाहिए। डिजिटल भुगतान या बैंक ट्रांसफर जैसे विकल्पों का उपयोग करना बेहतर है, जो न केवल सुरक्षित हैं बल्कि टैक्स विभाग की अनावश्यक जांच से भी बचाते हैं।