Fuel & LPG Cylinders Prices Fluctuate :अगस्त की शुरुआत होते ही भारत भर में ईंधन की कीमतें वाहन मालिकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत फिलहाल 94.72 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है। मुंबई, जो अपने उच्च ईंधन मूल्यों के लिए जाना जाता है, में पेट्रोल 107 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87 रुपये प्रति लीटर पर है।
कोलकाता में मोटर चालक पेट्रोल के लिए ₹104 प्रति लीटर और डीजल के लिए ₹91.76 प्रति लीटर का भुगतान कर रहे हैं। चेन्नई के निवासियों को पेट्रोल की कीमत ₹100.75 प्रति लीटर और डीजल की कीमत ₹92.34 प्रति लीटर का सामना करना पड़ रहा है। शहरों में ईंधन की कीमतों में ये अंतर मुख्य रूप से राज्य करों और शुल्कों में अंतर के कारण है।
ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव का मतलब है कि उपभोक्ताओं को मौजूदा दरों के बारे में जानकारी रखने की ज़रूरत है, खासकर जब वे अपने वाहनों में ईंधन भरने की योजना बना रहे हों। ये कीमतें न केवल व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को प्रभावित करती हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी व्यापक निहितार्थ रखती हैं।
मध्य प्रदेश में एलपीजी सिलेंडर सब्सिडी
ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने अपनी महिला निवासियों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग में राज्य सरकार ने पात्र महिलाओं के लिए एलपीजी सिलेंडर को और अधिक किफायती बनाने की योजना की घोषणा की।
इस पहल के अंतर्गत:
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी
- लाडली बहना योजना के अंतर्गत पात्र महिलाएं
अब राज्य की महिलाएं 450 रुपये की सब्सिडी दर पर हर महीने एक एलपीजी सिलेंडर खरीद सकेंगी। आगामी रक्षा बंधन त्योहार के मौके पर लिए गए इस फैसले का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को पर्याप्त वित्तीय राहत प्रदान करना है।
एलपीजी सब्सिडी योजना का प्रभाव और सीमाएं
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को कम कीमत पर प्रति वर्ष 12 सिलेंडर तक प्राप्त करने की अनुमति है। यह महत्वपूर्ण बचत को दर्शाता है, यह देखते हुए कि एलपीजी सिलेंडर की मौजूदा बाजार कीमत नियमित उपभोक्ताओं के लिए ₹800 से ₹1000 तक है।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह लाभ केवल उन महिलाओं तक ही सीमित है जो निर्दिष्ट योजनाओं के तहत पात्र हैं। जबकि यह लक्षित दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि सब्सिडी उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है, इसका यह भी अर्थ है कि सभी निवासियों को कम कीमतों का लाभ नहीं मिलेगा।
मध्य प्रदेश सरकार की इस पहल से न केवल पात्र परिवारों पर वित्तीय बोझ कम होने की उम्मीद है, बल्कि स्वच्छ ईंधन के उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। चूंकि ईंधन की कीमतें दैनिक जीवन को प्रभावित करती रहती हैं, इसलिए ऐसे लक्षित राहत उपाय आर्थिक दबावों और पर्यावरणीय चिंताओं को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।