Old Pension Scheme: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का दायरा बढ़ाया है। इस निर्णय से न केवल कार्यरत कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, बल्कि रिटायर्ड कर्मचारी भी इसके लाभार्थी होंगे।
अधिक कर्मचारियों को मिलेगा ओपीएस का लाभ
हिमाचल प्रदेश सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम के नियमों में संशोधन किया है, जिससे अब अधिक कर्मचारी इसके दायरे में आ सकेंगे। नए नियमों के अनुसार, जिन कर्मचारियों की संविदा अवधि को उनकी नियमित सेवा में शामिल नहीं किया गया था, उन्हें भी ओपीएस का लाभ मिलेगा।
इससे पहले, केवल उन्हीं कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलता था जिनकी सेवा अवधि 10 वर्ष या उससे अधिक थी। लेकिन अब संविदा अवधि को भी जोड़कर 10 साल की सेवा पूरी करने पर कर्मचारी ओपीएस के लिए पात्र होंगे।
कितने कर्मचारी होंगे लाभार्थी?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 1.3 लाख रिटायर्ड कर्मचारी इस निर्णय से लाभान्वित होंगे। ये वे कर्मचारी हैं जिन्हें पहले ओपीएस का लाभ नहीं मिल पाया था। साथ ही, कार्यरत कर्मचारियों में से भी कई लोग इस योजना के लिए पात्र हो जाएंगे।
विकल्प देने की समय-सीमा
रिटायर्ड कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ पाने के लिए एक महीने के भीतर अपने विभागाध्यक्ष के माध्यम से विकल्प देना होगा। यदि वे इस समय-सीमा के भीतर विकल्प देते हैं, तो उन्हें लाभार्थी सूची में शामिल कर लिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया निर्णय
यह निर्णय हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद लिया गया है। शीला देवी नामक एक रिटायर्ड महिला कर्मचारी ने सुप्रीम कोर्ट में ओपीएस के लिए याचिका दायर की थी, और कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद वित्त विभाग के प्रमुख देवेश कुमार ने इस संबंध में एक मेमोरेंडम जारी किया।
सुक्खू सरकार की पहल
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुरूप ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से शुरू किया है। यह कदम कर्मचारियों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा, क्योंकि उन्हें अपने सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा प्राप्त होगी। राज्य सरकार की इस पहल से कर्मचारियों में काफी खुशी देखी जा रही है।