RBI ने नगद भुगतान के नियमो में किया बदलाव, 1 नवंबर से होंगे नए नियम लागू, RBI New Cash Payment Rules

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RBI New Cash Payment Rules: भारतीय रिजर्व बैंक ने नकद भुगतान नियमों में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जो 1 नवंबर, 2024 से लागू होंगे। इन नए नियमों का उद्देश्य वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाना है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं। आइए इन नियमों के प्रमुख पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करें।

रिकॉर्ड रखने की सख्त आवश्यकताएं: 

नए दिशा-निर्देशों के तहत, ऋण प्रदान करने वाले बैंकों को उधारकर्ताओं का व्यापक रिकॉर्ड बनाए रखना होगा। यह परिवर्तन नकद भुगतान तक फैला हुआ है, जिसका उपयोग अक्सर बैंक खातों के बिना व्यक्तियों के लिए किया जाता है। RBI ने इन परिवर्तनों को समायोजित करने के लिए 2011 में मूल रूप से लागू किए गए घरेलू धन हस्तांतरण नियमों को संशोधित किया है।

नकद भुगतान प्रक्रिया में प्रमुख परिवर्तन

  1. प्राप्तकर्ता का विवरण: नकद भुगतान भेजने वाले बैंकों को अब लाभार्थी के नाम और पते का विस्तृत रिकॉर्ड रखना होगा।
  2. केवाईसी पंजीकरण: भेजने वाले बैंकों को प्राप्तकर्ताओं को उनके केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) दस्तावेजों, आवश्यक कागजी कार्रवाई और मोबाइल नंबर के आधार पर पंजीकृत करना आवश्यक है।
  3. एएफए सत्यापन: प्रत्येक भुगतान को एएफए (अतिरिक्त कारक प्रमाणीकरण) के माध्यम से प्रमाणित करना होगा।
  4. लेनदेन संबंधी जानकारी: आईएमपीएस और एनईएफटी लेनदेन के लिए, भेजने वाले बैंकों को धन प्रेषण संबंधी जानकारी शामिल करनी होगी।

अंतर-बैंक हस्तांतरण में बढ़ी पारदर्शिता

नए नियमों के अनुसार, जब कोई बैंक NEFT या IMPS के ज़रिए किसी दूसरे बैंक में पैसे ट्रांसफर करता है, तो उसे लेन-देन के साथ भुगतानकर्ता की जानकारी भी शामिल करनी होगी। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि प्राप्तकर्ताओं के लिए आने वाले पैसे के स्रोत की पहचान करना आसान हो जाए।

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निहितार्थ और दायरा

ये नियम 1 नवंबर 2024 से पूरे भारत में सभी बैंकों पर लागू होंगे। यह ध्यान देने योग्य है कि कार्ड-टू-कार्ड भुगतान इन नए नियमों में शामिल नहीं हैं।

आरबीआई के इस कदम का उद्देश्य वित्तीय लेन-देन की ट्रेसबिलिटी में सुधार करना और धोखाधड़ी की गतिविधियों की संभावना को कम करना है। हालांकि इन बदलावों के लिए बैंकों और ग्राहकों दोनों को कुछ समायोजन की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन ये भारत में अधिक सुरक्षित और पारदर्शी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

अस्वीकरण: यह जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य से है और इसे उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों से संकलित किया गया है। सटीकता के लिए स्वतंत्र सत्यापन की सलाह दी जाती है।

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