Savings Account Cash Limit: आज के डिजिटल युग में, हम में से अधिकांश लोग अपने दैनिक लेनदेन के लिए यूपीआई या नेट बैंकिंग का उपयोग करते हैं। फिर भी, कभी-कभी हमें बड़ी राशि नकद में जमा करने या निकालने की आवश्यकता होती है। ऐसे में, यह जानना महत्वपूर्ण है कि आयकर विभाग ने बचत खातों में नकद लेनदेन पर कुछ नियम लागू किए हैं।
इन नियमों का मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग, कर चोरी और अन्य अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोकना है। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये या उससे अधिक नकद जमा करते हैं, तो बैंक को इसकी सूचना आयकर विभाग को देनी होगी। यदि आपका चालू खाता है, तो यह सीमा 50 लाख रुपये तक बढ़ जाती है।
जब बात पैसे निकालने की आती है, तो धारा 194एन के तहत नियम हैं। यदि आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते से 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालते हैं, तो 2% टीडीएस काटा जाएगा। और अगर आपने पिछले तीन साल में आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल नहीं किया है, तो केवल 20 लाख रुपये से अधिक की निकासी पर भी 2% टीडीएस लागू होगा। एक विशेष मामला यह है कि यदि ऐसे व्यक्ति ने एक वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये निकाले हैं, तो 5% टीडीएस काटा जाएगा।
लेकिन चिंता न करें, इस टीडीएस को आय के रूप में नहीं माना जाता है। आप अपना आयकर रिटर्न भरते समय इसका उपयोग क्रेडिट के रूप में कर सकते हैं।
जमा करने के मामले में, धारा 269एसटी महत्वपूर्ण है। यदि किसी व्यक्ति के खाते में कोई 2 लाख रुपये या उससे अधिक नकद जमा करता है, तो उस पर जुर्माना लग सकता है। हालांकि, यह जुर्माना केवल जमा करने पर लागू होता है, न कि निकालने पर।
इन नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। यह न केवल आपको कानूनी जटिलताओं से बचाता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। याद रखें, पारदर्शिता और ईमानदारी हमेशा सबसे अच्छी नीति है।