Salary account and savings account: सैलरी अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट दोनों अलग-अलग उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। सैलरी अकाउंट आमतौर पर नौकरीपेशा लोगों के लिए कंपनी द्वारा खोला जाता है, जिसमें उनकी मासिक आय जमा होती है। इसके विपरीत, सेविंग्स अकाउंट किसी भी व्यक्ति द्वारा अपनी बचत को संचित करने के लिए खोला जा सकता है।
सेविंग्स अकाउंट में सैलरी लेने के नुकसान
हालांकि सेविंग्स अकाउंट में सैलरी लेने से कोई प्रत्यक्ष नुकसान नहीं होता है, लेकिन आप कुछ महत्वपूर्ण सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे जो सैलरी अकाउंट धारकों को प्रदान की जाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नुकसान निम्नलिखित हैं:
- ओवरड्राफ्ट सुविधा: सैलरी अकाउंट धारकों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलती है, जिसके तहत वे अपने खाते में पर्याप्त शेष राशि न होने पर भी एक निश्चित सीमा तक धन निकाल सकते हैं। यह सुविधा सेविंग्स अकाउंट में उपलब्ध नहीं होती है।
- फ्री चेकबुक: सैलरी अकाउंट धारकों को फ्री चेकबुक प्रदान की जाती है, जबकि सेविंग्स अकाउंट में चेकबुक के लिए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
- क्रेडिट कार्ड: कई बैंक सैलरी अकाउंट धारकों को फ्री क्रेडिट कार्ड प्रदान करते हैं, जबकि सेविंग्स अकाउंट में यह सुविधा नहीं मिलती है।
- बीमा कवरेज: सैलरी अकाउंट धारकों को जीवन और दुर्घटना बीमा कवरेज प्रदान की जाती है, जबकि सेविंग्स अकाउंट में यह सुविधा सीमित होती है या नहीं भी हो सकती है।
सेविंग्स अकाउंट के फायदे
हालांकि, सेविंग्स अकाउंट भी कुछ फायदे प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं:
- ब्याज आय: सेविंग्स अकाउंट में जमा राशि पर ब्याज मिलता है, जबकि सैलरी अकाउंट में यह सुविधा नहीं होती है।
- बहु-बैंक खाते: आप कई बैंकों में सेविंग्स अकाउंट खोल सकते हैं, जबकि सैलरी अकाउंट आमतौर पर एक ही बैंक में होता है।
- उच्च निकासी सीमा: कुछ बैंक प्रीमियम सेविंग्स अकाउंट धारकों को एक दिन में उच्च निकासी सीमा प्रदान करते हैं, जो आम सेविंग्स अकाउंट धारकों की तुलना में ज्यादा होती है।
- अन्य सुविधाएं: कुछ बैंक प्रीमियम सेविंग्स अकाउंट धारकों को फ्री एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस जैसी अतिरिक्त सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।
इसलिए, यदि आप सैलरी अकाउंट के लाभों से वंचित हैं, तो आपको एक सैलरी अकाउंट खोलना चाहिए और अपनी सैलरी उसमें ट्रांसफर करवानी चाहिए। इससे आपको अतिरिक्त सुविधाएं मिलेंगी और आपका धन प्रबंधन भी बेहतर होगा।